यशस्वी जायसवाल ने दोहरा शतक लगाकर रोहित,गेल को पछाड़ा, 3 साल में ठोके 50 से ज्यादा शतक
यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने काफी कम उम्र में ही बल्लेबाजी से छाप छोड़ दी है. वे लगातार शतक बना रहे हैं.
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मुंबई: मुंबई के युवा क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल (Yashavi Jaiswal) ने बुधवार को विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के खिलाफ दोहरा शतक जड़ दिया. उन्होंने 154 गेंदों का सामना किया और 17 चौकों व 12 छक्कों की मदद से 203 रन की पारी खेली. वे लिस्ट ए क्रिकेट (50 ओवर) में दोहरा शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज हैं. उन्होंने 17 साल की उम्र में ही यह कमाल कर दिया. इससे पहले यह रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के एलन बारो के नाम था जिन्होंने 1975 में 20 साल 273 दिन की उम्र में दोहरा शतक लगाया था. यशस्वी जायसवाल (Yashavi Jaiswal) लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले सातवें भारतीय हैं. उनसे पहले सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा (3 बार), शिखर धवन, केवी कौशल और संजू सैमसन ऐसा कर चुके हैं. जायसवाल ने यह कारनामा कर रोहित शर्मा, क्रिस गेल जैसे धुरंधरों को पीछे छोड़ दिया. इन बल्लेबाजों ने जब 50 ओवर के क्रिकेट में डबल सेंचुरी लगाई तब इनकी उम्र यशस्वी से ज्यादा थी.
5 मैच में 3 शतक बना चुके हैं जायसवाल
जायसवाल ने लिस्ट ए में अभी केवल 5 मैच खेले हैं और इनमें 3 शतक उड़ा चुके हैं. इस टूर्नामेंट में 100 से ज्यादा की औसत से 504 रन ठोक चुके हैं. उन्होंने अपने दूसरे ही लिस्ट ए मैच में शतक उड़ा दिया था. अपने बल्लेबाजों के लिए मशहूर रहे मुंबई क्रिकेट को यशस्वी जायसवाल (Yashavi Jaiswal) के रूप में एक और सितारा बल्लेबाज मिलता दिखाई देता है.
यशस्वी जायसवाल इंडिया अंडर 19 टीम में अपने खेल के चलते सुर्खियों में आए थे.
मुंबई के कोच भी जायसवाल के मुरीद
मुंबई के कोच विनायक सामंत भी जायसवाल की बल्लेबाजी के फैन हैं. उनका कहना है कि उसके पास हर तरह के शॉट है लेकिन वह रन बनाने में जल्दबाजी नहीं करता. वह पहले पिच को समझने पर ध्यान देता है और फिर शॉट लगाता है. सामंत का कहना है कि उन्होंने लंबे समय बाद ऐसा बल्लेबाज देखा है. लेकिन जायसवाल की कहानी काफी उतार-चढ़ाव से भरी हुई रही है.
गरीब था परिवार, सपने पूरे करने मुंबई गए
यशस्वी जायसवाल (Yashavi Jaiswal)मूल रूप से उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं. उनका परिवार काफी गरीब था. उनके पिता छोटी सी दुकान चलाते हैं. ऐसे में अपने सपनों को पूरा करने के लिए वे वह बड़े शहर मुंबई चले गए. लेकिन यहां पर उनके रहने के लिए जगह नहीं थी. मुंबई में यशस्वी के चाचा का घर इतना बड़ा नहीं था कि वो उसे साथ रख सकें. ऐसे में उन्हें एक डेयरी शॉप में काम मिला. साथ-साथ वे क्रिकेट भी खेलते.
यशस्वी जायसवाल बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और लगातार रन बना रहे हैं.
यशस्वी ने बताया, 'मैं कल्बादेवी डेयरी में काम करता था. पूरा दिन क्रिकेट खेलने के बाद मैं थक जाता था और सो जाता था. एक दिन उन्होंने मुझे ये कहकर वहां से निकाल दिया कि मैं सिर्फ सोता हूं और काम में उनकी कोई मदद नहीं करता.'
टेंट में रहे, भूखे सोए, गोलगप्पे बेचे
अगले तीन साल के लिए वह टेंट ही यशस्वी के लिए घर बन गया. उनके पिता कई बार पैसे भेजते लेकिन वे कभी भी काफी नहीं होते. राम लीला के समय आज़ाद मैदान पर यशस्वी ने गोलगप्पे भी बेचे. लेकिन इसके बावजूद कई रातों को उन्हें भूखा सोना पड़ता था. उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा था, 'राम लीला के समय मेरी अच्छी कमाई हो जाती थी. मैं यही दुआ करता था कि मेरी टीम के खिलाड़ी वहां न आएं. लेकिन कई खिलाड़ी वहां आ जाते थे. मुझे बहुत शर्म आती थी. मैं हमेशा अपनी उम्र के लड़कों को देखता था. वो घर से खाना लाते थे. मुझे तो ख़ुद बनाना था और ख़ुद ही खाना था. टेंट में मैं रोटियां बनाता था. वहां बिजली नहीं थी इसलिए हर रात केंडल लाइट डिनर होता था. मुझे रात में अपने परिवार की बहुत याद आती थी. कई बार मैं सारी रात रोता था.'
यशस्वी जायसवाल विजय हजारे ट्रॉफी में 500 से ज्यादा रन बना चुके हैं.
सचिन ने गिफ्ट किया ऑटोग्राफ वाला बैट
यूपी के रहने वाले ज्वाला सिंह से मुलाकात के बाद यशस्वी की किस्मत ने पलटा खाया. ज्वाला सिंह भी यूपी के रहने वाले हैं और इस वजह से वे यशस्वी का दर्द समझते थे. उन्होंने उनको गाइड किया. इसके बाद स्थानीय क्रिकेट में यशस्वी के बल्ले की धमक सुनाई पड़ी और उनकी गाड़ी चल पड़ी. अंडर-19 खेलते हुए ही वे अर्जुन तेंदुलकर के संपर्क में आए. अर्जुन ने यशस्वी के बारे में पिता सचिन तेंदुलकर को बताया. यशस्वी की मेहनत से सचिन काफी प्रभावित हुए और उन्होंने अपने ऑटोग्राफ वाला बैट उन्हें गिफ्ट में दिया. सचिन के ऑटोग्राफ वाला बल्ला लेकर वे इंडिया अंडर 19 टीम के साथ श्रीलंका दौरे पर गए थे.
अंडर-19 एशिया कप से सुर्खियों में आएं
जायसवाल बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज हैं. वे पिछले साल ढाका में खेले गए अंडर-19 एशिया कप से चर्चा में आए थे. श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में उन्होंने 113 गेंद में 85 रन की पारी खेली थी. इस पारी के बूते भारत ने श्रीलंका को 144 रन से हराकर टूर्नामेंट जीता था. इस टूर्नामेंट में उन्होंने 318 रन बनाए थे. जुलाई-अगस्त 2019 में इंग्लैंड में त्रिकोणीय सीरीज में 7 पारियों में 294 रन बनाए थे. इस दौरान उनका औसत 42 व स्ट्राइक रेट 74 का रहा था. इस सीरीज में उन्होंने 4 अर्धशतक लगाए थे.
लिम्का बुक में दर्ज है नाम
पिछले 3 साल में जायसवाल 50 से ज्यादा शतक लगा चुके हैं और 200 के करीब विकेट ले चुके हैं. उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. एक स्कूली मैच में उन्होंने नाबाद 319 रन बनाए थे और 99 रन देकर 13 विकेट लिए थे.
17 साल के बल्लेबाज ने ठोका दोहरा शतक, लगाए 12 छक्के और रच दिया इतिहास
बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने मचाया कहर, हैट्रिक समेत झटके 6 विकेट
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