SAARC देशों को मोदी का 450 करोड़ का तोहफा !

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा से सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है। और उनका ये मूलमंत्र सिर्फ देश के भीतर नहीं, बल्कि वैश्विक परिवेश और अड़ोस-पड़ोस के देशों के लिए भी है।

पड़ोसी देशों के लिए भी सबका साथ- सबका विकास- PM

पीएम मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा ‘भारत ने हमेशा सबका साथ- सबका विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है. जब हम सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं तो वो सिर्फ भारत के अंदर के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक परिवेश और खासकर हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों के लिए भी है.’

पड़ोसियों को एक नया उपग्रह उपहार में देगा भारत

ये पहली बार है जब नई दिल्ली दक्षिण एशियाई देशों के लिए 450 करोड़ रुपये के एक खास तोहफे के जरिए अभूतपूर्व समतापमंडलीय कूटनीति को अपना रहा है। अंतरिक्ष में अपने लिए एक अलग स्थान बना रहा भारत इस सप्ताह दक्षिण एशिया उपग्रह के माध्यम से अपने पड़ोसियों को एक नया उपग्रह उपहार में देने वाला है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के लिए अपना दिल खोल रहा है।

संचार उपग्रह को ISRO एक नई कक्षा में स्थापित करेगा

ऐसा लगता है कि पड़ोसियों के इस्तेमाल के लिए उनके द्वारा कुछ खर्च कराए बिना बनाए गए इस संचार उपग्रह के उपहार का अंतरिक्ष जगत में कोई और सानी नहीं है। फिलहाल जितने भी क्षेत्रीय संघ हैं, वे व्यवसायिक हैं और उनका उद्देश्य लाभ कमाना है। ऐसे में ये प्रतीत होता है कि अंतरिक्ष में अपनी खास दिलचस्पी के लिए पहचाने जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरिक्ष आधारित इस मंच को उपलब्ध करवाकर ISRO को एक नई कक्षा में स्थापित कर रहे हैं।

12 साल तक 150 करोड़ डॉलर का आएगा खर्च

कुल 12 साल के जीवनकाल के इस उपग्रह के लिए इसके भागीदार देशों को लगभग 150 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा। आईआईटी कानपुर से प्रशिक्षित इंजीनियर प्रशांत अग्रवाल विदेश मंत्रालय में हैं और इस परियोजना से जुड़े एक अहम व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असल में अपने नारे सबका साथ सबका विकास को भारत के पड़ोस तक विस्तार दे दिया है ताकि दक्षिण एशिया के गरीबों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

5 मई को श्रीहरिकोटा से सैटेलाइट होगा लॉन्च

पांच मई को बंगाल की खाड़ी के तट पर श्रीहरिकोटा द्वीप से इसरो का नौटी ब्वाय अपने 11वें मिशन पर निकलेगा। ये अपने साथ शांति का संदेश लेकर जाएगा। कुल 412 टन वजन और लगभग 50 मीटर लंबाई वाला ये रॉकेट अपने साथ दक्षिण एशिया उपग्रह लेकर जाएगा. इसरो अब भी इसे जीसैट-9 कहना पसंद कर रहा है। कुल 2230 किग्रा के इस उपग्रह को तीन साल में बनाया गया था और 235 करोड़ रुपये की लागत वाला ये उपग्रह पूरी तरह संचार उपग्रह है।

उपग्रह अंतरिक्ष आधारित प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल में मदद करेगा

अपने पड़ोसी देशों को भारत की ओर से उपहारस्वरूप दिया जाने वाला ये उपग्रह अंतरिक्ष आधारित प्रौद्योगिकियों के बेहतर इस्तेमाल में मदद कर सकता है। हर देश को अपनी जमीनी स्तर की अवसंरचना विकसित करनी होगी। हालांकि भारत इस संदर्भ में मदद और जानकारी देने के लिए तैयार है।

उपग्रह से टेलीकम्यूनिकेशन और प्रसारण सेवाओं में सहयोग देगा

सरकार के का कहना है कि उपग्रह टेलीकम्यूनिकेशन और प्रसारण संबंधी सेवाओं जैसे टीवी, डीटीएच, वीसैट, टेलीएजुकेशन, टेलीमेडिसिन और आपदा प्रबंधन सहयोग को संभव बनाएगा। इस उपग्रह में भागीदार देशों के बीच हॉट लाइन उपलब्ध करवाने की भी क्षमता है। चूंकि यह क्षेत्र भूकंप, चक्रवातों, बाढ़, सुनामी आदि के लिहाज से संवेदनशील है, इसलिए ये आपदा के समय पर उपयोगी संवाद लिंक स्थापित करने में भी मदद कर सकता है।

भारत के साथ पड़ोसियों का भी विकास होगा- PM

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे पड़ोस के देशों का साथ भी हो, हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों का विकास भी हो। प्रधानमंत्री ने कहा ‘पांच मई को भारत दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस उपग्रह की क्षमता और इससे जुड़ी सुविधाएं दक्षिण एशिया की आर्थिक और विकासात्मक प्राथमिकताओं को पूरा करने में काफी मदद करेगा. ये हमारे पूरे क्षेत्र के आगे बढ़ने में मददगार होगा.’

संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जा रहे वैसाख दिवस में शामिल होउंगा- PM

दुनिया में कई स्थानों पर हिंसा और युद्ध की स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व आज जिन समस्याओं से गुजर रहा है उनको देखते हुए बुद्ध के विचार प्रासंगिक लगते हैं। भारत में अशोक का जीवन युद्ध से बुद्ध की यात्रा का उत्तम प्रतीक हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि बुद्ध पूर्णिमा के इस महान पर्व पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जा रहे वैसाख दिवस में शामिल होउंगा।

श्रमिक दिवस पर मजदूर संघ के जनक दत्तोपंत ठेंगड़ी को श्रद्धांजलि

श्रीलंका में मुझे भगवान बुद्ध को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने एक मई को श्रमिक दिवस के मौके पर भारतीय मजदूर संघ के जनक दत्तोपंत ठेंगड़ी के विचार को उद्धृत करते हुए कहा ‘एक तरफ माओवाद से प्रेरित विचार था कि दुनिया के मजदूर एक हो जाओ और दत्तोपंत ठेंगड़ी कहते थे कि मजदूरों दुनिया को एक करो। आज श्रमिकों की बात करता हूं तो दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को याद करना बहुत स्वाभाविक है

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