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जब कोई हार किसी की जीत से बड़ी हो जाए...
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जब कोई हार किसी की जीत से बड़ी हो जाए...

न्यूजीलैंड के लिए ये हार दिल तोड़ने वाली जरूर रही, लेकिन उनका गुरूर नहीं तोड़ा जा सकता. (फोटो-AP)
न्यूजीलैंड के लिए ये हार दिल तोड़ने वाली जरूर रही, लेकिन उनका गुरूर नहीं तोड़ा जा सकता. (फोटो-AP)

जिंदगी में विरले मौके ऐसे भी आते हैं जब किसी की हार किसी की जीत से भी बड़ी हो जाती है. न्यूजीलैंड के लिए ये ऐसा ही एक म ...अधिक पढ़ें

    तारीख 14 जुलाई, 2019

    लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान से एक खबर आई कि इंग्लैंड वर्ल्ड कप जीत गया. खबर सच है, लेकिन फिर भी कोई इस बात पर विश्वास नहीं करना चाहता. मानो सभी के मन में भावनाएं उफान पर हैं... ये नहीं होना चाहिए था. ये हार नहीं थी, ये हार नहीं है, ये हार हो ही नहीं सकती...

    वनडे क्रिकेट के 48 साल के इतिहास में ये पहला मौका था जब मैच खत्म होने के बाद दो विजेता टीमें मैदान के बाहर कदम रख रही थीं. एक ओर था क्रिकेट का जनक इंग्लैंड, जिसने पहली बार विश्व विजेता का तमगा हासिल किया और दूसरी ओर दुनिया के विशाल मानचित्र पर मौजूद छोटे से देश के वो करिश्माई 11 योद्धा जिन्होंने इतिहास रचा था. पराजित और पराजय का महीन फर्क इससे बेहतर नहीं समझा जा सकता. न्यूजीलैंड को इस मैच में पराजय भले ही मिली हो, लेकिन इतिहास ताउम्र इस बात का गवाह रहेगा कि ये टीम पराजित नहीं हुई.

    45 दिन, 48 मैच, 100 ओवर का खेल और वो छह गेंदें...दुनिया के लिए ये सिर्फ आंकड़े भर हैं, लेकिन न्यूजीलैंड के लिए उसका गौरव. आखिर वे 11 योद्धा लड़े थे... हर एक रन के लिए, हर एक गेंद पर, हर एक सांस तक. लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर मौजूद सिर्फ 30 हजार दर्शकों के लिए नहीं, बल्कि दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी. और जब वो मैदान से बाहर निकले तो उनके कदमों की आहट से निकली गूंज दुनिया को ये बताने के लिए काफी थी कि न्यूजीलैंड वर्ल्ड कप हारा नहीं है, वो ही असली चैंपियन बना है. क्योंकि इस मैच में कोई टीम नहीं जीती है, बल्कि जीते हैं 50 लाख की आबादी वाले देश के वो 11 आम आदमी, जिन्होंने रोमांच का चरम पार कर चुके इस मुकाबले में अपना सब कुछ झोंक दिया.

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    न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को वर्ल्ड कप 2019 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया है. (फोटो-AP)


    नहीं मानी हार, हर बार की वापसी
    50 ओवर में 241 रन... न्यूजीलैंड के रन शायद कुछ कम रह गए थे. फिर इंग्लैंड ने 5 ओवर में बिना विकेट खोए 24 रन बना लिए तो लगा शायद ये मैच न्यूजीलैंड का नहीं है. मगर उन्होंने वापसी की और 24वें ओवर तक 89 रन पर इंग्लैंड के चार विकेट गिरा दिए. इसके बाद जोस बटलर और बेन स्टोक्स ने इंग्लैंड को जीत के मुहाने तक लाकर खड़ा दिया तो लगा कि न्यूजीलैंड के हाथ से ये मैच निकल गया. मगर वे फिर लड़े और मैच को टाई पर खत्म करने में कामयाब रहे.

    हमेशा जेहन में रहेंगी वो 6 गेंदें...
    सुपर ओवर में इंग्लैंड ने 15 रन बनाए. 6 गेंदों पर 16 रन का लक्ष्य हासिल करना आसान कतई नहीं था. मगर वे फिर उठे और आखिरी लड़ाई लड़ने निकल पड़े. जेम्स नीशाम ने 5 गेंद में 13 रन बना दिए थे जबकि एक वाइड का रन मिला था. जीत के लिए 1 गेंद पर दो रन की जरूरत थी. मार्टिन गुप्टिल ने शॉट जरूर लगाया, लेकिन वे जीत का वो एक रन पूरा नहीं कर सके. वो एक रन चार साल का फासला भी था लेकिन इस बात का सुबूत भी कि न्यूजीलैंड वर्ल्ड कप हारा नहीं है, बल्कि वो ही असली चैंपियन है.

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    जब हार जीत से बड़ी हो जाए...
    45 दिन तक चले क्रिकेट के इस महाकुंभ में जिन लोगों ने भी न्यूजीलैंड का प्रदर्शन देखा, उसे हैरानी जरूर हुई. आखिर इस टीम को कभी खिताब का दावेदार नहीं माना गया. क्योंकि इस टीम में कोई सुपरस्टार नहीं है. क्योंकि ये टीम बस किसी तरह ही फाइनल में पहुंची थी. क्योंकि ये टीम सेमीफाइनल से पहले लगातार तीन मुकाबलों में हार गई थी. मगर जब टूर्नामेंट खत्म हुआ तो ये सारी धारणाएं बदल चुकी थीं. आखिर जिंदगी में ऐसे मौके आते ही कितने हैं जब कोई हार किसी की जीत से भी बड़ी हो जाती है. निश्चित रूप से ये वही मौका था.

    छोटे से देश का बड़ा मुकाम
    एक तरफ 6 करोड़ की आबादी, दूसरी तरफ महज 50 लाख की जनसंख्या. एक देश क्रिकेट का जनक, तो दूसरे का राष्ट्रीय खेल रग्बी. एक टीम चौथी बार फाइनल में पहुंची थी तो एक की यह लगातार दूसरी खिताबी जंग रही. एक देश के क्रिकेटरों को सुपरस्टार का दर्जा तो दूसरे देश के खिलाड़ी आम आदमी. कुछ ऐसी ही है इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की कहानी... या यूं कहिए कि हकीकत. खिताब भले ही इंग्लैंड के हिस्से आया, लेकिन न्यूजीलैंड ने इस वर्ल्ड कप में जो हासिल किया, वो शायद किसी वर्ल्ड कप में किसी टीम ने इससे पहले कभी हासिल नहीं किया होगा. इस हार ने भले ही न्यूजीलैंड का दिल तोड़ दिया हो, लेकिन उनका गुरूर नहीं तोड़ा जा सकता.

    इस बात में कोई शक नहीं कि इंग्लैंड के लिए ये उसकी सबसे बड़ी जीत है. इस बात से भी कोई इनकार नहीं कर सकता कि क्रिकेट के जनक देश को अपना पहला वर्ल्ड कप जीतने में 44 साल लग गए, लेकिन फिर भी उसकी जीत से कहीं कुछ टूटा सा लग रहा है...शायद ये जीत न्यूजीलैंड की थी, ये जीत न्यूजीलैंड की ही है...

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    Tags: Cricket, England National Cricket Team, ICC, ICC Cricket World Cup, ICC Cricket World Cup 2019, New Zealand National Cricket Team