भवानी प्रसाद मिश्र हिंदी के प्रसिद्ध कवि व विचारक थे। उन्हें कृति 'बुनी हुआ रस्सी' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। हिंदी साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है। पढ़ें उनते कुछ विशेष कहन
जिस तरह हम बोलते हैं उस तरह तू लिख
और इसके बाद भी हमसे बड़ा तू दिख
कुछ लिख के सो, कुछ पढ़ के सो,
तू जिस जगह जागा सवेरे,
उस जगह से कुछ बढ़ के सो
कई बार मरने से जीना बुरा है
कि गुस्से को हर बार पीना बुरा है
कितने भी गहरे रहे गत
हर जगह प्यार जा सकता है
कितना भी भ्रष्ट ज़माना हो
हर समय प्यार भा सकता है
जो होना था हुआ
अन्यथा करना सहज नहीं हो सकता
पहली बातें नहीं रहीं
तब रो रो कर मरने मे क्या है
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4 वर्ष पहले
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