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उत्तर कोरिया ने बढ़ाई दुनिया की चिंता:पहली बार ट्रेन से मिसाइल परीक्षण किया, संयुक्त राष्ट्र ने बताया शांति और सुरक्षा के लिए खतरा

3 वर्ष पहले
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उत्तर कोरिया के बढ़ते मिसाइल परीक्षणों ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। उत्तर कोरिया ने बुधवार को ट्रेन में बने मिसाइल सिस्टम से पहली बार बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट किया है। इस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राजदूत निकोलस रिवर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल देशों ने का कहना है कि इस तरह के मिसाइल टेस्ट शांति और सुरक्षा के लिए बड़े खतरे हैं और परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन भी है।

उत्तर कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के मुताबिक बुधवार को छोड़ी गई मिसाइल का मकसद रेलवे बेस्ड मिसाइल प्रणाली का परीक्षण करना था। इसे उत्तर कोरिया पर किसी भी खतरे या धमकी का जवाब देने के लिहाज से तैयार किया गया है। पिछले हफ्ते ही वहां के तानाशाह किम जोंग उन ने रात में मिलिट्री परेड कराई थी।

ट्रेन से दागी गई मिसाइल ने समुद्र में लक्ष्य तक पहुंचने से पहले 800 किमी (497 मील) तक उड़ान भरी थी।
ट्रेन से दागी गई मिसाइल ने समुद्र में लक्ष्य तक पहुंचने से पहले 800 किमी (497 मील) तक उड़ान भरी थी।
ट्रेन से दागी गई मिसाइल ने उत्तर कोरिया के पूर्वी तट से दूर समुद्र में लक्ष्य तक पहुंचने से पहले 800 किमी (497 मील) तक उड़ान भरी थी।
ट्रेन से दागी गई मिसाइल ने उत्तर कोरिया के पूर्वी तट से दूर समुद्र में लक्ष्य तक पहुंचने से पहले 800 किमी (497 मील) तक उड़ान भरी थी।

उत्तर कोरिया को ये फायदा होगा?
ट्रेन से मिसाइल परीक्षण की तकनीक तैयार करने से उत्तर कोरिया अब देश के किसी भी कोने से मिसाइल दाग सकता है, क्योंकि पूरे उत्तर कोरिया में रेलवे नेटवर्क है। हालांकि संकट के समय उत्तर कोरिया का रेलवे नेटवर्क हमलावरों के लिए आसान टारगेट भी हो सकता है।

अमेरिका के मिसाइल एक्सपर्ट एडम माउंट का कहना है ट्रेन बेस्ड मिसाइल सिस्टम उन देशों के लिए सस्ता और भरोसेमंद विकल्प है जो अपनी परमाणु ताकत में इजाफा करना चाहते हैं। रूस ने भी यह सिस्टम तैयार किया था और अमेरिका भी इस पर विचार कर रहा है।

दक्षिण कोरिया और जापान की सेना के मुताबिक उत्तरी कोरिया की मिसाइल जापान के स्पेशल इकोनॉमिक जोन के दायरे में जाकर गिरी, हालांकि यह जापान की समुद्री सीमा से बाहर थी।
दक्षिण कोरिया और जापान की सेना के मुताबिक उत्तरी कोरिया की मिसाइल जापान के स्पेशल इकोनॉमिक जोन के दायरे में जाकर गिरी, हालांकि यह जापान की समुद्री सीमा से बाहर थी।

उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया के बीच हथियारों की होड़ बढ़ी
बता दें बुधवार को ही दक्षिण कोरिया ने भी सबमरीन-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का परीक्षण किया है। वह बिना परमाणु हथियारों के यह सिस्टम डेवलप करने वाला पहला देश बन गया है। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में हथियारों की होड़ तेजी से बढ़ रही है। दोनों ही देश आए दिन नए-नए हथियारों के साथ ही ज्यादा क्षमता वाली मिसाइलों का परीक्षण कर रहे हैं।

ये साफ नहीं हो पाया है कि उत्तर कोरिया ने ट्रेन से मिसाइल परीक्षण किस लोकेशन से किया, लेकिन जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें दिख रहा है कि किसी पहाड़ी इलाके के बीच से ये मिसाइल छोड़ी गई थी।
ये साफ नहीं हो पाया है कि उत्तर कोरिया ने ट्रेन से मिसाइल परीक्षण किस लोकेशन से किया, लेकिन जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें दिख रहा है कि किसी पहाड़ी इलाके के बीच से ये मिसाइल छोड़ी गई थी।

उत्तर कोरिया ने 3 दिन पहले भी किया था मिसाइल परीक्षण
उत्तर कोरिया ने रविवार को भी लंबी दूरी की नई मिसाइल का टेस्ट किया था। यह मिसाइल 1500 किमी की दूरी तक वार कर सकती है। इस रेंज में नॉर्थ कोरिया जापान के अधिकतर हिस्से पर निशाना लगा सकता है। कोरियन सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी ने बताया की यह क्रूज मिसाइल दो साल से तैयार हो रही थी। अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल में न्यूक्लियर क्षमता वाला सिस्टम होने की आशंका है।

उत्तर कोरिया ने कहा कि यह मिसाइल अहम रणनीतिक हथियार है, जो देश की सैन्य ताकत में बढ़ावा करने के देश के विजन के मुताबिक है। इससे पहले मार्च में कोरिया ने कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की थी। वहीं जनवरी में भी एक क्रूज मिसाइल लॉन्च की थी।

अमेरिका को जापान और दक्षिण कोरिया की रक्षा की चिंता है
जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी कात्सुनोबू कातो का कहना है कि हम उत्तर कोरिया की मिसाइल लॉन्च को लेकर चिंतित हैं। हम अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर इस पर निगरानी रखेंगे। वहीं यूएस इंडो पैसिफिक कमांड ने बताया कि उत्तर कोरिया से इस टेस्ट से पता चल रहा है कि वह अपने सैन्य कार्यक्रम को बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। इसके साथ ही वह अपने पड़ोसी देशों और इंटरनेशनल कम्युनिटी पर भी खतरा बढ़ा रहा है।

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