क्या महेंद्र सिंह धोनी के चक्कर में टूट जाएगा भारत के तीसरे वर्ल्ड कप जीतने का सपना
अफगानिस्तान के अलावा एमएस धोनी पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ भी रन बनाने में संघर्ष कर रहे थे. ऐसा आगे हुआ तो वर्ल्ड क ...अधिक पढ़ें
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आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 जीतने की सबसे बड़ी दावेदार भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों की नाकामी बड़ी समस्या बन गई है. शुरुआती मैचों में टॉप ऑर्डर की कामयाबी के चलते भारत ने बड़े आराम से जीत दर्ज की. लेकिन अफगानिस्तान और वेस्ट इंडीज के खिलाफ जब सलामी जोड़ी नाकाम रही तो मध्यक्रम की कमजोरी उजागर हो गई. लगातार दो मैचों में केदार जाधव, विजय शंकर और एमएस धोनी का बल्ला तेजी से रन बनाने में नाकाम रहे. बता दें कि जब भी टीम इंडिया के टॉप-3 बैट्समैन यानी रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन ने लंबी पारियां खेली है तब बड़ा स्कोर बनता है या लक्ष्य का पीछा आसानी से हो जाता है.
वहीं जसप्रीत बुमराह और युजवेंद्र चहल व कुलदीप यादव के आगे रन बनाना पहाड़ तोड़ने से भी मुश्किल काम है. पिछले दो साल में भारत की जीत की यहीं दो बड़ी वजह है. मिडिल ऑर्डर टीम की कमजोर कड़ी है. कई मौकों पर मध्य क्रम के बल्लेबाज टीम की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए हैं.
विंडीज ने फिर खोली पोल
वेस्ट इंडीज के खिलाफ मैच में एमएस धोनी को स्कोरबोर्ड को चलाने में परेशानी हुई. विंडीज के स्पिनर फाबियन एलन की गेंद पर धोनी स्टंप होते-होते बचे. इससे पिछले वाले मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ धोनी को राशिद खान ने स्टंप ही कराया था. वेस्ट इंडीज के खिलाफ धोनी ने शुरुआत तो अच्छी की लेकिन इसके बाद फिर से उनके स्ट्राइक रोटेट करने पर विराम लग गया. केमार रोच, एलन और जेसन होल्डर ने उन्हें बांधकर रखा. उनके 18 रन 38 गेंदों में बने थे.
वेस्ट इंडीज के खिलाफ मैच के दौरान एमएस धोनी. (AP Photo)
टॉप ऑर्डर चला तो मौज नहीं तो...
अफगानिस्तान के खिलाफ मैच से पहले भारत ने दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीता था. इस दौरान भारतीय टॉप ऑर्डर का कोई न कोई बल्लेबाज अंत तक डटा रहा था. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रोहित शर्मा लक्ष्य का पीछा करने के दौरान जीत दिलाकर ही लौटे थे. वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में विराट कोहली 49.5 और पाकिस्तान के खिलाफ 47.4 ओवर तक क्रीज पर डटे हुए थे.
लेकिन अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में विराट कोहली के 67 रन बनाकर चौथे विकेट के रूप में आउट होने के समय भारत का स्कोर 4 विकेट पर 135 रन हो गया. इसके बाद लगभग 20 ओवर का खेल बाकी था. लेकिन इनमें भारतीय बल्लेबाज केवल 89 रन बना सके और 5 आउट हो गए. जबकि अधिकांश समय तक एमएस धोनी क्रीज पर मौजूद थे.
क्रिकेट वर्ल्ड कप में एमएस धोनी रंग नहीं जमा पाए हैं.
आखिरी 20 ओवर में भारत के कम रन बनाने की बड़ी वजह एमएस धोनी और केदार जाधव का तेजी से रन न बना पाना था. ये दोनों बल्लेबाज स्ट्राइक रोटेट करने में भी नाकाम रहे. धोनी इस दौरान सबसे ज्यादा परेशान दिखे. स्पिनरों के खिलाफ उनका बल्ला एकदम जाम हो गया. अफगानिस्तान के खिलाफ धोनी ने 52 गेंद खेलते हुए 28 रन बनाए. भारत का सकोर 27 ओवर में 3 विकेट पर 122 रन था तब धोनी क्रीज पर आए थे. इस दौरान दूसरी तरफ कोहली मौजूद थे तो धोनी के पास क्रीज पर जमने का अच्छा मौका था. लेकिन कोहली 31वें ओवर में आउट हो गए और इसके बाद धोनी की दुकान लगभग बंद सी हो गई.
स्पिनर्स के आगे बुरी तरह नाकाम हुए धोनी
धोनी के खिलाफ अफगानिस्तान ने स्पिनर्स का बखूबी इस्तेमाल किया. पूर्व भारतीय कप्तान ने जो पहली 26 गेंद खेलीं वह सभी स्पिनर्स की थी और वे केवल 8 रन बना सके. 27वीं गेंद पर धोनी के बल्ले से पहला चौका निकला. यह गेंद मीडियम पेसर की थी. धोनी ने मीडियम पेसर की 9 गेंद खेलीं और उन्होंने 16 रन बनाए. उनके तीनों चौके तेज गेंदबाजी पर ही आए.
अफगानिस्तान के खिलाफ एमएस धोनी स्पिनर्स के सामने 43 गेंद में 12 रन बना सके.
वहीं स्पिनर्स के खिलाफ वे 43 गेंद में 12 रन बना सके. धोनी ने 33 गेंद डॉट खेली. धोनी के खिलाफ अफगान टीम के कप्तान गुलबदीन नईब ने 30 गज के दायरे में अधिकांश समय 6 फील्डर्स को तैनात रखा. इसके चलते सिंगल का सूखा पड़ गया वहीं जैसे हालात थे उनमें धोनी हमला नहीं कर सकते थे.
सालभर पहले भी धोनी के साथ हो चुका है ऐसा
पिछले साल जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी तब भी एमएस धोनी ने इसी तरह की दो पारियां खेली थी. इंग्लैंड के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने एक मैच में 323 रन का पीछा करते हुए 59 गेंद में 37 और दूसरे में पहले बल्लेबाजी के दौरान 66 गेंद में 42 रन बनाए थे. इन दोनों मैच में उनकी बल्लेबाजी देखकर दर्शकों ने हूटिंग तक कर दी थी. हालांकि इन दोनों मैचों में भारत का टॉप ऑर्डर नाकाम रहा था और धोनी पार्टनर तलाश रहे थे लेकिन उनके साथ कोई नहीं टिका. ऐसे में धोनी तेजी से रन बनाने में नाकाम रहे. भारत ये दोनों मैच हार गया था.
स्ट्राइक रोटेट न कर पाना बड़ी समस्या
अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान धोनी के लिए ऐसी कोई समस्या नहीं थी. केदार जाधव दूसरे छोर पर डटे हुए थे. हालांकि धोनी ने पिच का मिजाज परख लिया होगा और इसके हिसाब से उन्होंने पर्याप्त स्कोर भी तय कर लिया होगा. अगर वे स्ट्राइक रोटेट कर पाने में कामयाब रहते तो टीम इंडिया के स्कोर में रनों का इजाफा होता जो उसके जीत के अंतर को बड़ा कर देते.
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