इंसाइड बॉलीवुडः देश के हालात से सहमीं ये एक्ट्रेसेज, घर से बाहर निकलने में डरती हैं
जानिए हैदराबाद रेप (Hyderabad Rape) व उन्नाव हिंसा जैसी खबरों के चर्चा में आने के बाद बॉलीवुड अभिनेत्रियों की सोच पर क् ...अधिक पढ़ें
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मुंबई. पिछले कुछ सालों में निर्भया गैंगरेप, हैदराबाद गैंगरेप, उन्नाव गैंगरेप के साथ ना जाने कितनी महिलाओं के साथ दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आईं. जहां पीड़ित महिलाओं के साथ ख़ौफ़नाक हादसा हुआ. पीड़ित महिला रोती- चीख़ती चिल्लाती रही, ना ही आरोपी को रहम आया और ना ही उस महिला की चीख़ किसी आसपास वाले को सुनाई दी. इन हादसों के बाद देश भर में महिलाओं का का गुस्सा और बेबसी भी दिखी तो वही अब महिलाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता और डर भी है. ऐसा नहीं है यह हाल सिर्फ़ स्कूल और कॉलेज जाने वालों लड़कियों का है बल्कि यह डर काम करने वाली और हाउस वाइफ़ देश की हर महिला का है.
मैं आपके साथ अपना वाक़या शेयर कर रही हूं हैदराबाद हादसे के ठीक अगले दिन मैं काम में उलझी थी. वक़्त पर ध्यान ही नहीं गया. रात के साढ़े बारह बजे गए. हालांकि मुंबई बेहद सुरक्षित जगह है और यहां काम करते वक़्त पिछले एक दशक में मैंने वक़्त कभी नहीं सोचा लेकिन दिशा हादसे के ठीक अगली रात के साढ़े बारह बजे मैंने पार्किंग से गाड़ी निकाली तो उस वक़्त बेसमेंट की पार्किंग में कोई मौजूद नहीं था, अचानक से उस वक़्त मुझे हैदराबाद हादसा याद आया और मुझे पहली बार ज़िंदगी में अंदर से डर लगा. मेरी कोशिश तुरंत उस बेसमेंट से निकलने की थी.
वैसे यह डर मेरे अकेले का नहीं है बल्कि अब देश की हर महिला को सता रहा है. अभिनेत्री अदिति गोवित्रिकर (Aditi Govitrikar) से मेरी इस बारे में बातचीत हुई तो उन्होंने भी यही कहा कि पहले मैं कभी घबराती नहीं थी लेकिन अब मुंबई में भी रात को घर से बाहर निकलने में हिचकिचाहट और अजीब सा डर लगता है. अदिति और मैं एक दूसरे को यही सलाह दे रहे थे कि अपना ख़याल रखना और रात को अगर बाहर निकले तो सतर्क रहना. अदिति का भी यही कहना है कि तत्काल कठोर दंड का डर हो तभी ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं.
रानी मुखर्जी से हुई थी बदतमीजी की कोशिश
हाल ही में मेरी रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) से उनकी फ़िल्म 'मर्दानी 2 (Mardani 2)' के प्रमोशन के दौरान इस बात को लेकर उनसे चर्चा हुई तो उन्होंने साफ़ कहा कि मेरी भी बेटी बड़ी हो रही है, वह भी स्कूल और कॉलेज जाएगी. और जब इस तरह की निर्भया और दिशा जैसी बेटियों के साथ ख़बरें सुनती और पढ़ती हूं तो मुझे गुस्सा भी आता है और डर भी लगता है. सच कहूं तो ऐसा लगता है कि महिलाओं के साथ इस तरह का दर्दनाक मंज़र पैदा करने वाले लोग इंसान नहीं हैवान हैं, इन्हें तुरंत और कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए. इन हैवानों को डर लगेगा तभी ख़त्म होगी ये हैवानियत.
'मर्दानी 2' 13 दिसंबर को रिलीज हो रही है.
रानी मुखर्जी आगे कहती हैं कि इस माइंडसेट के लिए कहीं ना कहीं घर-परिवार में होती घरेलू हिंसा भी ज़िम्मेदार है. क्योंकि जब बच्चा बचपन से अपनी मां को ही पिटते देख रहा है, उसकी मां का ही कोई सम्मान नहीं है तो वह दूसरी महिलाओं को कैसे सम्मान देगा. इस मानसिकता को बदलने की शुरुआत घर और डर से होगी. रानी ने बताया कि एक बार उनके साथ किसी ने बदतमीजी करने की कोशिश की थी लेकिन रानी ने उस शख़्स के गाल पर थप्पड़ जड़ करारा जबाब दिया था. फिर भी डर का महौल तो है.
अपनी सुरक्षा में कोई कमी ना छोड़ेंः सोनाक्षी
रानी के साथ साथ मेरी हैदराबाद में दिशा और उन्नाव केस की पीड़ित की मौत और हादसे को लेकर मैंने सोनाक्षी से पूछा कि कैसे बदलेगा देश हुई तो सोनाक्षी ने सुनते ही कहा कि देश की किसी भी महिला के साथ जब ऐसा होता है तो मेरा भी ख़ून खौलता है. ऐसा लगता है कि देश में ऐसा हो कैसे रहा है लोग महिला को लक्ष्मी और मं का दर्जा देते हैं, कहा गई अब वो लक्ष्मी और मां. सोनाक्षी कहती हैं कि महिलाओं के साथ ग़लत करने वाले को तत्काल और कठोर सज़ा मिले ताकि इस तरह के हैवानों को डर लगे. हमें अपनी बेटियों को ख़ुद ट्रेंड करना है सेल्फ़ डिफ़ेंस की ट्रेनिंग देनी चाहिए ताकि ज़रूरत पड़ने पर बेटियां ख़ुद अपनी सुरक्षा कर सकें. हालांकि इन दिनों आई खबरों ने डर का महौल तो बना दिया है.
सोनाक्षी सिन्हा ने दिखाया गुस्सा
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निर्भया और दिशा के अलावा ना जाने कितनी महिलाएं इस तरह के डरावने हादसों का शिकार हुई हैं. उन्हें तो वापस नहीं लाया जा सकता लेकिन भविष्य में इस तरह के हादसों की शिकार कोई और निर्भया या दिशा ना बने, बस हमें यही कोशिश करनी है. हमें और सचेत रहकर अपनी सुरक्षा ख़ुद करनी है. देश की महिलाओं को मेरी यही सलाह है अपना ख़याल रखें और अपने आसपास की महिलाओं को भी सचेत रखें. अपने पर्स में पेपरस्प्रे जैसा एक ऐसा सामान ज़रूर रखें ताकि ज़रूरत पड़ने पर आपके काम आ सके.
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