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धार्मिक भेदभाव के आरोपी पासपोर्ट अधिकारी के समर्थन में उतरे लोग, RSS ने मांगा न्याय

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धार्मिक भेदभाव के आरोपी पासपोर्ट अधिकारी के समर्थन में उतरे लोग, RSS ने मांगा न्याय

मोहम्मद अनस सिद्दकी (बीच में) और उनकी पत्नी (बाएं)
मोहम्मद अनस सिद्दकी (बीच में) और उनकी पत्नी (बाएं)

हालांकि तुली ने इसे अपना निजी विचार बताते हुए कहा है कि आरएसएस का इससे कोई लेना देना नहीं है.

    उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पासपोर्ट बनवाने गए हिन्दू-मुस्लिम जोड़े के कथित अपमान का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने इस कपल को अपमानित करते हुए उनकी पासपोर्ट अर्जी खारिज की दी.

    मामला सुर्खियों में आने के बाद तुरंत विकास मिश्रा का ट्रांसफर गोरखपुर कर दिया गया. हालांकि मिश्रा ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है. वहीं सोशल मीडिया पर कई लोग उनका समर्थन कर रहे हैं. उधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता राजीव तुली ने विकास मिश्रा के लिए न्याय की मांग की है.

    शुक्रवार को पासपोर्ट अधिकारी का समर्थन करते हुए तुली ने ट्विटर पर लिखा, “विकास मिश्रा को न्याय मिलना चाहिए. विक्टिम कार्ड और ऊपर तक पहुंच इससे इतर भी दुनिया है. सुषमा स्वराज आप कानूनों से ऊपर नहीं हैं. आशा है आप अपने इस अधिकारी की बात भी सुनेंगी. और पूरे मामले की जांच होगी.”



    हालांकि तुली ने इसे अपना निजी विचार बताते हुए कहा है कि आरएसएस का इससे कोई लेना देना नहीं है.

    सोशल मीडिया पर विकास मिश्रा का समर्थन
    बता दें कि सोशल मीडिया पर लोग विकास मिश्रा के समर्थन में कैंपेन चला रहे हैं. सोशल मीडिया पर  #IsupportVikasMishra ट्रेंड कर रहा है. ट्विटर पर कई नामी हस्तियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पीएमओ और विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए विकास के समर्थन में आवाज उठाया. किसी ने कहा कि अफसर अपनी ड्यूटी कर रहा था. किसी को पासपोर्ट जारी करने से पहले कई तरह की जांच की जाती है, ये उसी का हिस्सा है. ऐसे में अफसर पर की गई कार्रवाई सही नहीं है.

    मामले पर लोकप्रिय गायिका मालिनी अवस्थी ने भी अपना पक्ष रखा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकारी नियम की एक प्रक्रिया है. पासपोर्ट के लिए तो और भी गहन गंभीर प्रक्रिया है. मामले की पूरी जांच किए बिना अफसर को हटाना ठीक नहीं.

    मशहूर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने लिखा, "विकास मिश्रा के पक्ष को भी सुनने की जरूरत है, जिसे मामले में पक्षकार बनाया गया है. वह अर्थपूर्ण सवाल उठा रहे हैं. वे एक ही महिला द्वारा दो नाम उपयोग करने पर सवाल उठा रहे हैं. उन्हें दस्तावेजों की जांच का पूरा हक है. हमें कैसे पता की तन्वी जो आरोप लगा रही हैं वह सही है. पासपोर्ट बनवाने के लिए वे झूठ भी बोल सकती हैं."

    इसके साथ ही ट्विटर पर लोगों ने विकास मिश्रा के तबादले और तन्वी को एक घंटे के भीतर बिना जांच के पासपोर्ट जारी करने पर भी सवाल उठाए.

    खुद पर लगे आरोपों पर विकास मिश्रा का जवाब
    विकास मिश्रा ने भी गुरुवार को खुद पर लगे आरोपों पर मीडिया को जवाब दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने जाति और धर्म पर टिप्पणी की थी, विकास ने कहा, मैंने खुद इंटरकास्ट मैरिज की है. मैं जाति व धर्म में भेदभाव नहीं करता. तन्वी के निकाहनामे में उनका नाम सादिया दर्ज था, जबकि दूसरे कागजात में नाम तन्वी सेठ लिखा हुआ था. ऐसे में उन्होंने तन्वी से कहा कि एक प्रार्थना पत्र लिखकर दें, ताकि नाम इंडोर्स किया जा सके. तन्वी इस पर राजी नहीं हुईं और बहस करने लगीं. इस पर मैंने फाइल अपने सीनियर को भेज दी. मैंने जाति या धर्म से संबंधित कोई टिप्पणी नहीं की.

    Tags: Ministry of External Affairs, Sushma swaraj