ऋद्धिमान साहा नंबर 1 विकेटकीपर तो ऋषभ पंत को क्यों खिला रहे हैं विराट कोहली?
टीम में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) के रूप में दो विकेटकीपर चुने गए हैं. हाल के सालों में ...अधिक पढ़ें
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नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए विराट कोहली (Virat Kohli) के नेतृत्व में 15 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket team) का ऐलान कर दिया गया. टीम में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) के रूप में दो विकेटकीपर चुने गए हैं. हाल के सालों में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है जब घरेलू सीरीज के लिए भी भारतीय टीम में दो विकेटकीपर चुने गए हैं. लेकिन अब सवाल यह है कि दोनों में से प्लेइंग इलेवन में किसे मौका मिलेगा. टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) ने कहा कि साहा टीम के नंबर 1 विकेटकीपर हैं और पंत उनके बाद हैं.
उन्होंने यह बयान वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट सीरीज के लिए टीम के चयन के वक्त भी दिया था. लेकिन दोनों टेस्ट में ऋषभ पंत को ही खेलने का मौका मिला था. लेकिन इन दोनों में वे नाकाम रहे थे. ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए ऋषभ पंत अंतिम एकादश में अपना स्थान अधिक अनुभवी और तकनीकी रूप से सक्षम रिद्धिमान साहा को गंवा सकते हैं.
साहा को मिलेगा मौका?
टीम का ऐलान करते हुए प्रसाद ने संकेत दिए कि ऋषभ पंत को लेकर टीम प्रबंधन का धैर्य जवाब देता जा रहा है, हालांकि वह अब भी चयन पैनल की पसंद बने हुए हैं. यह पूछने पर कि पंत और साहा में पहली पसंद कौन हैं तो प्रसाद ने कहा, ‘मेरा जवाब पहले वाला ही है. देखते हैं. निश्चित तौर पर शुरुआत ऋषभ के साथ होगी लेकिन हमें देखना होगा कि क्या टीम प्रबंधन भी यही सोचता है. उन पर छोड़ दीजिए. साथ ही भारत में खेलते हुए हमें अधिक कौशल वाला विकेटकीपर चाहिए, देखते हैं क्या होता है.’
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा. (फाइल फोटो)
कीपिंग में कमजोर हैं पंत
पंत पिछले एक साल से भारतीय टीम के अहम सदस्य हैं. उन्हें ऋद्धिमान साहा के चोटिल होने के चलते टीम में जगह मिली थी. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया था और शतक लगाए थे. वहीं कीपिंग में भी उन्होंने रिकॉर्ड बनाए थे हालांकि उनकी तकनीक में काफी कमियां हैं. इस वजह से उन्होंने कई कैच भी टपकाए थे. इस मामले में साहा काफी आगे हैं. कीपिंग स्किल में वे देश के नंबर वन विकेटकीपर हैं. धोनी के संन्यास के बाद से उन्होंने भारतीय टीम के लिए कीपिंग की जिम्मेदारी बखूबी निभाई थी.
विराट कोहली विदेशी जमीन पर सबसे अधिक टेस्ट जीतने वाले भारतीय कप्तान बन गए हैं. (एपी)
बैटिंग में साहा पर भारी हैं पंत
अगर ऋषभ पंत और ऋद्धिमान साहा की बल्लेबाजी पर नजर डालें तो अभी तक के प्रदर्शन के हिसाब से पंत का पलड़ा भारी हैं. उन्होंने 11 टेस्ट में 44.35 की औसत से 754 रन बनाए हैं. वे 2 शतक और 2 अर्धशतक लगा चुके हैं. वहीं साहा ने 32 टेस्ट खेले हैं और 30.63 की औसत से 1164 रन बनाए हैं. उनके नाम 3 शतक और 5 अर्धशतक हैं. लेकिन धोनी के रहते उन्हें टीम इंडिया में खेलने के काफी कम मौके मिले. उन्होंने 2010 में अपना पहला टेस्ट खेले थे लेकिन 2015 तक उनके नाम केवल 3 ही टेस्ट थे. इसके बाद उन्हें टीम इंडिया में नियमित रूप से जगह मिली.
क्या कन्कशन का नियम है वजह
भारतीय टीम में पंत और साहा के रूप में दो विकेटकीपर को चुने जाने की एक वजह किसी विकेटकीपर के चोटिल होने पर विकल्प बनाए रखना भी है. टेस्ट क्रिकेट में हाल ही में किसी चोटिल खिलाड़ी की जगह उसी तरह के खिलाड़ी को चुने जाने का विकल्प शुरू हुआ है. लेकिन यह विकल्प केवल कन्कशन यानी सिर पर गेंद लगने के बाद चक्कर आने की स्थिति में ही मौजूद है. भारत में वैसे भी पिचों पर इतना उछाल होता नहीं है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि पंत और साहा में से किसे प्लेइंग इलेवन में लिया जाएगा.
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