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सतना पर नहीं हो रहे मेघ मेहरबान:आषाढ़ सूखा-सावन में भी नहीं झूम रहे बदरा, औसत से कम वर्षा से चिंतित किसान निहार रहे आसमान
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आषाढ़ का महीना सूखा गुजर जाने के बाद उम्मीदों की फुहार ले कर आया सावन भी सतना में झूम कर नहीं बरस पा रहा है। बादलों की बेरुखी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।
धान की फसल बो चुके किसान टकटकी लगाए आसमान की ओर उम्मीद भरी निगाहें लगाए बैठे हैं किंतु मेघ मेहरबान नही हो रहे। हालांकि बारिश हुई है लेकिन औसत वर्षा के पैमाने में सतना जिला अभी पिछले वर्ष से ही काफी पीछे चल रहा है।
सतना जिले में इस वर्ष 1 जून से 2 अगस्त 2022 तक की अवधि में सिर्फ 324 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि पिछले वर्ष इस अवधि में 501.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी।
कहा कितनी बारिश
अधीक्षक भू-अभिलेख सतना से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की सतना (रघुराजनगर) तहसील में 365.5 मि.मी., सोहावल (रघुराजनगर) में 242.6 मि.मी., बरौंधा (मझगवां) में 145.7 मि.मी., बिरसिंहपुर में 503 मि.मी., रामपुर बघेलान में 251 मि.मी., नागौद में 507 मि.मी., जसो (नागौद) में 209 मि.मी., उचेहरा में 370 मि.मी., मैहर में 234.9 मि.मी., अमरपाटन में 329 मि.मी. तथा रामनगर तहसील में 406.9 मि.मी. औसत वर्षा अब तक दर्ज की जा चुकी है।
जिले की औसत सामान्य वर्षा 1039.7 मि.मी. है। गत वर्ष इस अवधि तक जिले में 501.7 मि.मी. वर्षा दर्ज की जा चुकी थी। इस वर्ष आषाढ़ के महीने में लोग बारिश का इंतजार ही करते रह गए। सावन ने उम्मीद जगाई लेकिन अभी भी बदरा झूम के नही बरसे।
उधर किसानों ने बारिश की उम्मीद में धान की फसल बो दी है। लोगों ने वर्षा की प्रत्याशा में अन्य जल स्रोतों का इस्तेमाल कर रोपा लगा दिया है लेकिन आगे क्या होगा ? इस चिंता ने किसानों को बेचैन कर रखा है।