180 करोड़ की संपत्ति दान की, अब वृद्धाश्रम आशियाना

10 वर्ष पहले
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सूरत. सूरत का बेऔलाद यह दंपती 180 करोड़ रुपए कीमत की जमीन दान देकर अब वृद्धाश्रम में है। ताकि, बचा हुआ जीवन साधारण तरीके से बिता सकें। चाहते हैं कि अंतिम यात्रा वृद्धाश्रम से निकले। अंतिम संस्कार में कोई समस्या न आए, इसके लिए 50 हजार रुपए एडवांस में श्मशान में जमा कर दिए हैं। नरोत्तम भाई (97) व उनकी पत्नी लक्ष्मीबहन (84) ने जून में जमीन स्कूल कॉम्प्लैक्स व धार्मिक संस्थाओं को दान कर दी। उसके बाद से दोनों नए ठिकाने पर हैं। ये सूरत के पॉश इलाके अडाजण के हैं।

सिर्फ चौथी तक पढ़ी हैं, इसलिए जेवर बेच स्कूल को मदद दी

उनके गांव में जब स्कूल बना तो लक्ष्मीबहन ने जेवर बेचकर स्कूल में दान दिया। वे खुद चौथी तक पढ़ सकी थीं, इसलिए चाहती थीं कि गांव की लड़कियों को पढऩे का अवसर मिले। आज इस स्कूल में 2,200 बच्चे पढ़ते हैं। इस दंपती ने सरिता सागर संकुल (स्पोट्र्स कॉम्प्लैक्स), स्वामीनारायण मंदिर, दालिया हाईस्कूल, जहांगीरपरा श्मशान भूमि व गायपगला मंदिर के लिए सैकड़ों बीघा जमीन दान दी है।

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