कैसा होता है मेट्रो ट्रेन का टिकटिंग सिस्टम ?

यदि आपने कभी मेट्रो ट्रेन का सफ़र नहीं किया है और जानना चाहते हो की मेट्रो ट्रेन में टिकटिंग सिस्टम किस प्रकार का होता है आप यह लेख पढ़ते रहें|

मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन में सवार होने से पहले आपको निम्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक प्रवेश द्वार से गुजरना पड़ता है|

इस प्रकार के प्रवेश द्वार मेट्रो ट्रेन की टिकटिंग सिस्टम का मुख्य भाग होते है| ये द्वार आपकी टिकट को चेक करते है और आपके द्वारा उचित टिकट दिखाने पर अपने आप खुल जाते है| इन द्वार से एक समय में एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है|

मेट्रो ट्रेन में सफ़र करने के लिए आप उस मेट्रो स्टेशन की टिकट खिड़की से दो प्रकार के टिकट खरीद सकते है:

  1. टोकन
  2. प्रीपेड कार्ड 

टोकन :  टोकन आपको एक बार की यात्रा के लिए खरीदना पड़ता है, ये निम्न प्रकार का होता है और इसे प्रवेश द्वार के ऊपर बने चिन्ह के ऊपर रखने पर द्वार खुल जाता है| ये टोकन आपको यात्रा से पहले खरीदना पड़ता है| मेट्रो ट्रेन में चढ़ने से पहले इस टोकन तो प्रवेश-द्वार पर बने चिन्ह पर रखने से द्वार खुलता है और मेट्रो ट्रेन से उतरते समय द्वार पर बने स्थान पर इसे डालने पर आपका द्वार खुलता है|

प्रीपेड कार्ड : यदि आप नियमित रूप से मेट्रो ट्रेन से सफ़र करते हो और हर यात्रा के लिए टोकन नहीं खरीदना चाहते तो आप ‘मेट्रो यात्रा कार्ड’ खरीद सकते है| ये प्रे पेड कार्ड होता है जिसमे आप पहले से पैसे भरा सकते है|
इस कार्ड से जब भी आप सफ़र करेंगे प्रवेश-द्वार और निकलते समय का द्वार इस कार्ड से खुल जायेगा और आपकी यात्रा का किराया कार्ड से अपने आप कट जायेगा|
मेट्रो ट्रेन स्टेशन का ये सिस्टम ‘AFC यानि Automated Fare Collection” स्वचालित किराया जमा कहलाता है.

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